चीनी हैकिंग लगातार पकड़ रही तूल

चीन के हैकिंग के प्रयास को लेकर यह कहा जा रहा है कि अमेरिका की कम्पनियों में चीनी हैकिंग लगातार तूल पकड़ रही है. चीन के द्वारा यहाँ हैकिंग का प्रयास पिछले तीन हफ्तों से जारी है. इस हैकिंग से यह बात सामने आ रही है कि कुछ समय पहले ही अमेरिकी और चीन के बीच एक साइबर समझौते को अंजाम दिया गया था और अब चीन के द्वारा इसका उल्लंघन भी शुरू कर दिया गया है. इस मामले में एक साइबर सुरक्षा कम्पनी के द्वारा यह जानकारी सामने आई है, बता दे कि यह कम्पनी अमेरिकी सरकार के बेहद करीब है और इसको लेकर कम्पनी ने एक अध्ययन किया है.

मामले में कम्पनी क्राउडस्ट्राइक का यह कहना है कि उसके द्वारा अमेरिकी प्रौद्योगिकी और फार्मास्यूटिकल कंपनियों के खिलाफ सात चीनी साइबर हमलों को दस्तावेज का रूप दिया है. इसके साथ ही यह बात भी सामने आई है कि इस अध्ययन से ऐसा लगता है जैसे इस घुसपैठ का प्राथमिक मकसद स्पष्ट रूप से बौद्धिक संपदा तथा व्यापार गोपनीयता की चोरी को सुगम बनाना है न कि पारंपरिक राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित खुफिया जानकारी एकत्र करना.

जबकि साथ ही यह भी कहा गया है कि उन्हें चीन के आचरण में किसी तरह का कोई बदलाव नजर नहीं आया है. कम्पनी ने साथ ही यह भी कहा है कि चीन के द्वारा पहला हमला 26 सितम्बर को किया गया, जबकि इसके एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इस संबंध में अपने करार की घोषणा की थी.

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