आखिर क्यों वायरस के मामले में आज भी झूठ बोल रहा चीन

भले ही चीन में  कोविड-19 संक्रमण की रफ्तार कम हो गई हो, लेकिन विशेषज्ञ अभी भी उस पर वायरस से जुड़े केसों में झूठ बोलने का इलज़ाम लगाते हैं। जंहा इस बात का पता चला है कि अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने कुछ दिनों पहले दुनियाभर में कोविड के प्रसार के लिए ना केवल बीजिंग को जवाबदेह ठहराया गया था बल्कि यह भी कहा था कि वायरस से संबंधित सूचना पर उसे पारदर्शी रवैया अपनाना होगा।

मिली जानकारी के अनुसार यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया के एक प्रोफेसर का हवाला देते हुए बोला कि चीन अभी भी महामारी मरीजों की तादाद के बारे में झूठ बोल रहा है। प्रोफेसर स्टेनली रोसेन ने मीडिया को ई-मेल के माध्यम से कहा-, 'आंकड़ों में अशुद्धि की सबसे का सबसे बड़ा कारण स्थानीय अधिकारी हैं जो केंद्र गवर्नमेंट को डाटा उपलब्ध कराते हैं।' उन्होंने बोला कि आंकड़ें भले ही पूरी तरह से ठीक नहीं हों, लेकिन महामारी को रोकने के लिए चीन अच्छा कार्य कर रहे है।

चीनी राजनीति के विशेषज्ञ रोसेन ने बोला कि बिना लक्षणों वाले मरीजों को संक्रमित मरीजों में धकिल नहीं किया जा सकता है। हालांकि ऐसे मरीजों का आंकड़ा बहुत कम होता जा रहा है। उन्होंने बोला  'जब पारदर्शिता की बात आती है तो चीन का रवैया बहुत गैर जिम्मेदाराना हो रहा है। ऐसे में यह जानना बहुत कठिन है कि उन्होंने जो आंकड़े दिए हैं।'

वाशिंगटन महाविद्यालय के महामारी विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. स्टीफन ई हाविस ने बोला कि चीन ने ना केवल महामारी की सूचना छिपाई बल्कि देश के अंदर महामारी को रोकने के लिए पर्याप्त निर्णय नहीं लिए गए है।

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