नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्रालय ने चीन द्वारा सिक्किम में सड़क निर्माण को लेकर किए जाने वाले अतिक्रमण को लेकर विरोध जताया है और कहा है कि सीमा क्षेत्र में सड़क का निर्माण बीजिंग की सुरक्षा के मद्देनज़र गंभीर है। बीजिंग से आग्रह किया गया है कि वे यथास्थिति में एक जैसा परिवर्तन नहीं करेंगे। भारत ने चिंता जताई है कि चीन की कार्रवाई को लेकर भारत परेशानी में है और चीन की सरकार को इस मामले में जानकारी दे दी गई है कि ऐसे निर्माण कार्य भारत की सुरक्षा के लिहाज से एक गंभीर बात है। भारत ने शुक्रवार को कहा कि उसने चीन से कहा है कि चीनी सैनिकों द्वारा सीमा क्षेत्र में सड़क का निर्माण बीजिंग की सुरक्षा के निहितार्थ गंभीर है और बीजिंग से आग्रह किया है कि वह यथास्थिति में एकतरफा बदलाव नहीं करे विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक चीन की हालिया कार्रवाई को लेकर भारत बेहद चिंतित है और चीनी सरकार को अवगत करा दिया गया है कि इस तरह का निर्माण यथास्थिति में अहम बदलाव दर्शाएगा जो भारत की सुरक्षा के निहितार्थ गंभीर है। यह भी कहा गया है कि ट्राइजंक्शन पर किसी भी तरह का निर्णय समझौते का उल्लंघन है। भारत की ओर से वर्ष 2012 में भारत और चीन के बीच हुए करार का उल्लेख किया गया और कहा गया कि दोनों देश सीमांकन के मसले पर सहमत थे। ऐसे में इस तरह का विवाद नहीं होना चाहिए। कैलाश मानसरोवर यात्रियों के जत्थों को दिल्ली में रोका, नाथुला दर्रे से नहीं होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा सिक्किम पहुंचे थल सेना अध्यक्ष जनरल रावत, चीनी विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान चीन ने तोड़ा भारत का बंकर, सेना प्रमुख रावत आज करेंगे सीमा का दौरा