भूले नहीं भुलाता है वो बचपन

मुख और जीभ का व्यायाम जो अक्सर बचपन में साथियो के साथ दोहराया करते थे क्यों न आज यहाँ भी दोहराये देखे क्या हम आज भी कर सकते हे। क्या ?

कच्चा पापड़, पक्का पापड़, सबसे ज़्यादा फेमस और हमारे दिल के सबसे नज़दीक, एक बार में 15 बार बोल के दिखाओ तो वीर जानें। फालसे का फासला, चैलेंज है कि 20 बार बिना रुके बोल कर दिखाओ। पीतल के पतीले में पपीता पीला पीला, मुस्कुरा का रहे हो, 13 बार इसे बोल कर तो दिखाओ। पके पेड़ पर पका पपीता पका पेड़ या पका पपीता, मेरी जीभ तो लगभग फ्रैक्चर होते-होते बची है, क्या आपकी भी नहीं तो बराबर बोलकर दिखाओ। ऊंट ऊंचा, ऊंट की पीठ ऊंची, ऊंची पूंछ ऊंट की, क्यों बच्चू नानी याद आ गई ना। अब ये मत कहना नहीं याद आई। समझ समझ के समझ को समझो, समझ समझना भी एक समझ है समझ समझ के जो न समझे, मेरे समझ में वो ना समझ है, मैं तो इसे बोलने की कोशिश भी नहीं करूंगा। दूबे दुबई में डूब गया, अच्छा ठीक है, ज़्यादा ख़ुश मत हों, ये आपकी फूलती सांसों को आराम देने के लिए था। चंदु के चाचा ने चंदु की चाची को, चांदनी चौक में, चांदनी रात में, चांदी के चम्मच से चटनी चटाई अब चाहे आप जो कुछ भी करना, मगर अपने बाल मत नोंचना। जो हंसेगा वो फंसेगा, जो फंसेगा वो हंसेगा आपको ये बहुत ही आसान लग रहा है, जरा अब आप इसे 10 बार से ज़्यादा बार बोल कर तो दिखाइए। खड़क सिंह के खड़कने से खड़कती हैं खिड़कियां, खिड़कियों के खड़कने से खड़कता है खड़क सिंह, अब तो मेरे पूरे बदन में खड़कन हो रही है, सच सच कहना हो रही हे या नहीं। मर हम भी गए, मरहम के लिए, मरहम ना मिला हम दम से गए, हमदम के लिए, हमदम ना मिला , बोलो-बोलो अरे मुंह मत चुराओ। तोला राम ताला तोल के तेल में तल गया, तला हुआ तोला तेल के तले हुए तेल में तला गया, अरे ऐसे देख का रहे होे, ऐसे देखने से कुछ नहीं होगा।  डाली डाली पे नज़र डाली, किसी ने अच्छी डाली, किसी ने बुरी डाली, जिस डाली पर मैने नज़र डाली वो डाली किसी ने तोड़ डाली, तो एक बार फ़िर बोलो, बोल सकते हो।

यही सब हम सभी अपने बचपन में खूब दोहराया करते हे क्या आज कर सकते हे नहीं न। खैर हमारा बचपन तो वाकई में एक खूबसूरत बचपन था भूले नहीं भुलाता हे वो बचपन, रह-रह कर कभी न कभी याद आ ही जाता हे वो बचपन।

Related News