छत्तीसगढ़ : वैसे तो इस राज्य को जैव विविधता के साथ-साथ यहाँ की हरियाली के लिए भी जाना जाता है लेकिन हाल ही में यहाँ निवेश को लेकर बातें सामने आ रही है. मामले में बताया जा रहा है कि आयुर्वेदिक दवाइयों के निर्माण के लिए छत्तीसगढ़ का चयन किया गया है. साथ ही यह बात भी सामने आ रही है कि छत्तीसगढ़ सरकार इस निर्माण को ध्यान में रखते हुए निजी सार्वजनिक भागीदारी के तहत व्यापार क्षेत्र को अपनी तरफ खींचने में लगी हुई है. इस बारे में जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ के वन मंत्री महेेश गागड़ा ने यह बताया है कि फ़िलहाल यहाँ करीब 2021 तरह की अलग-अलग प्रजातियों के पौधे उपलब्ध है और सरकार का यह आह्वान है कि इनका सही दिशा में इस्तमाल भी होना चाहिए. पौधो के इन इस्तमाल को ध्यान में रखते हुए यहां दवाई निर्माताओं को निमत्रण दिया गया है और साथ ही यहाँ आयुर्वेदिक उद्योग को विकसित किये जाने का फैसला किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि यह योजना "मेक इन छत्तीसगढ़" का ही एक हिस्सा है और इसके तहत ही यहाँ इस व्यापार को बढ़ावा दिया जा रहा है.