विलय पर बदले शरद यादव के सुर

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने पाने बयान जनता परिवार का मर्जर हो चुका है, देने के अगले ही दिन कहा कि वह विलय पर कुछ नहीं बोलेंगे। बुधवार दोपहर राजकीय अतिथिशाला से नई दिल्ली जाने से पहले पत्रकारों से वार्तालाप में पूछे जाने पर कि जनता परिवार के विलय को लेकर आगे की प्रक्रिया क्या होगी, यादव ने इसके जवाब में कहा कि, इस पर मैं कुछ नहीं बोलूंगा। गौरतलब है कि उन्होंने मंगलवार को कहा था कि विलय लगभग हो चुका है और बाकी मुद्दों पर बातचीत जारी है।

स्टेट गेस्ट हाउस में बुधवार को राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह, राज्य सरकार में वित्त मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री नरेन्द्र नारायण यादव, जदयू के वरिष्ठ नेता शिवप्रसन्न यादव समेत कई जदयू नेता उनसे मिलने पहुंचे। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शरद यादव ने दल के प्रमुख नेताओं के साथ राज्य के राजनीतिक हालात पर देर तक गंभीर चिंतन कीया। यह भी बात हुई कि यदि विलय में देर होती है तो सही तरीके से गठबंधन की प्रक्रिया ही आगे बढ़े। सभी का मानना था कि भाजपा को शिकस्त देने के लिए विलय या गठबंधन निहायत जरूरी है।

विधान परिषद चुनाव में राजद-जदयू के बीच 10-10 सीटों पर समझौता हो जाने पर बात चली तो कुछ नेताओं का सुझाव रहा कि यदि कांग्रेस साथ नहीं आती है तो बाकी चार सीटें भी दोनों दलों को आपस में बांटकर लड़ना चाहिए। चुनाव आयोग द्वारा सितंबर-अक्टूबर में बिहार विधानसभा चुनाव कराने के संकेत के मद्देनजर विचार हुआ कि पहले विधान परिषद स्थानीय निकाय कोटे की 24 सीटों पर मिलकर लड़ा जाए। उसके बाद विधानसभा चुनाव के लिए तालमेल पर विचार के लिए कमेटी बने।

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