ग्रहण में बांके बिहारी के दर्शन को करना होगा बहुत इंतज़ार

जुलाई के महीने में बहुत से तीज तयोहार शुरू होने वाले हैं. जैसे इस महीने की 23 जुलाई को देवशयनी एकादशी है जिसके बाद भगवान विष्णु 4 महीने के लिए क्षीर सागर में विश्राम के लिए चले जायेंगे. इन महीनों में कोई भी शुभ काम नहीं किये जाते. इसके अलावा आपको बता दें 27 जुलाई को गुरु पूर्णिमा भी है और उसी दिन से सावन मास भी शुरू हो रहा है. 27 जुलाई को सावन तो शुरू हो रहे हैं लेकिन चन्द्र हैं के चलते उसे 28 जुलाई से माना जायेगा. इसी ग्रहण के कारण बांके बिहारी मंदिर में दर्शन का समय भी बदल दिया गया है.

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सदी के सबसे बड़े चंद्रग्रहण के दिन बांकेबिहारी के पट बंद हो जायेंगे जो दूसरे दिन ही खुलेंगे और शयन आरती भी दिन के समय ही होगी. आपको बता दें, बांके बिहारी के दर्शन करने के लिए भक्तों को कुछ इंतज़ार करना होगा. उस दिन भक्तों को सिर्फ पौने पांच घंटे ही दर्शन होंगे उसके बाद पट बंद कर दिए जायेंगे. बांके बिहारी मंदिर के सह प्रबंधक उमेश सारस्वत ने बताया कि बांके बिहारी में प्रात: कालीन सेवा में सुबह छह बजे से होगी. 

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उसके बाद कुछ 7:45 पर दर्शन खुलने का समय, 7:55 पर श्रृंगार आरती, 8 बजे छींटा देकर पर्दा बंद, 8 बजे राजभोग सेवा प्रारंभ, 10:10 मिनट पर राजभोग आरती प्रारंभ, 10:15 मिनट पर छीटा देकर पर्दा बंद, 10:45 मिनट पर बंद हो जायेगा. 11:15 मिनट पर सेवायत का निज मंदिर में प्रवेश होगा, 11:45 मिनट पर दर्शन खुलने का समय, 1:55 मिनट पर शयन आरती प्रारंभ, 2 बजे छीटा देकर पर्दा बंद, तथा 2:30 मिनट पर सेवायत का निज मंदिर ने निकल जायेंगे. तो अगर आपको दर्शन करने हैं तो इतना समय आपको इंतज़ार करना होगा.

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