छोटे करदाताओ के लिए एक खुशखबरी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संकेत दिया है कि राजस्व की स्थिति बेहतर होने के बाद माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत स्लैब में कटौती की जा सकती है. नेशनल अकेडमी ऑफ कस्टम्स, इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड नारकोटिक्स (एनएसीआईएन) के कार्यक्रम में जेटली ने कहा, 'हमारे पास इसमें दिन के हिसाब से सुधार करने की गुंजाइश है. साथ ही अनुपालन का बोझ कम किया जा सकता है, खासकर छोटे करदाताओं के मामले में, मसलन कम स्लैब, लेकिन इसके लिए हमें राजस्व की दृष्टि से तटस्थ स्थिति हासिल करनी होगी.' जेटली ने कहा कि “प्रत्यक्ष कर का भुगतान समाज के प्रभावी वर्ग द्वारा किया जाता है. अप्रत्यक्ष कर का बोझ निश्चित रूप से सभी पर पड़ता है. उन्होंने कहा कि ऐसे में राजकोषीय नीति के तहत हमेशा यह प्रयास किया जाता है कि ऐसे जिंस जिनका उपभोग आम लोगों द्वारा किया जाता है, तो उन पर अन्य की तुलना में कर की दर कम होनी चाहिए.” जेटली ने कहा कि “भारत परंपरागत रूप से कर अनुपालन न करने वाला समाज है. लोगों के पास विकास की मांग करने का अधिकार है, ऐसे में उनकी यह भी जिम्मेदारी बनती है कि वे विकास के लिए जो जरूरी है उसका भुगतान करें” बैंकों का तोहफा, लोन हुआ सस्ता पीएफ ट्रस्टों पर सख्त हुआ EPFO स्टीकर वाले सामान की बिक्री की अंतिम तिथि बढ़ाई