भारत के न्यायमूर्तियों को मिलेगा 'वन रैंक वन पेंशन' का लाभ

नई दिल्ली : यूं तो वन रैंक वन पेंशन की मांग करने वाले सेन्यकर्मियों और सेवानिवृत्त सेन्यकर्मियों को अभी तक यह सुविधा नहीं मिल पाई है लेकिन देश के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को इसका लाभ जरूर मिलेगा। इस दौरान कहा गया है कि सरकार जल्द इस कानून को लेकर प्रयास करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के न्यााधीशों की मांग पर सरकार से विचार करने की बात कही थी जिसके बाद कानून मंत्रालय ने इस मसले पर निर्णय लेने का मन बनाया है। इस कानून में बदलाव लाए जाने की बात कही जा रही है। इस दौरान कहा जा रहा है कि मानसून सत्र में इस मसले पर बहस की जा सकती है।

मिली जानकारी के अनुसार राज्य न्यायिक सेवा से पदोन्नत होकर आए न्यायाधीशों को अभी तक कम पेंशन की शिकायत रहती है ऐसे न्यायाधीशों को अब सेवानिवृत्ति के बाद इसका लाभ मिल सकेगा। इस दौरान कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में संशोधन विधेयक लाने की तैयारी में है। दूसरी ओर कहा जा रहा है कि न्यायिक अधिकारी की पेंशन तय करने को लेकर उसके सेवाकाल पर ध्यान दिया जाता है। इसलिए बार एसोसिएशंस के अनुभवों को भी अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि सरकार के इस फैसले से न्यायिक कार्य में लगे जज काफी खुश नज़र आ रहे हैं।

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