केंद्र सरकार : अपराध नहीं है लिव इन रिलेशनशिप

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लिव इन रिलेशनशिप को अपराध नहीं माना जा सकता और अब इसे स्वीकार किया जाना चाहिए. अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में ये भी कहा कि पब्लिक पर्सनैलिटीज की जिंदगी में दखल नहीं देना चाहिए. रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि सोसायटी में आ रहे परिवर्तन को देखते हुए अब लिव इन रिलेशनशिप को स्वीकार किया जा रहा है और अब इसे अपराध नहीं मान सकते.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस पी.सी. पंत की बेंच ने सरकार से पूछा कि क्या किसी पब्लिक फिगर के लिव इन रिलेशनशिप के बारे में लिखना डिफेमेशन (मानहानि) है. इस पर रोहतगी ने कहा कि पब्लिक फिगर के पर्सनल लाइफ में लोगों को दखल नहीं देना चाहिए, इसमें कोई पब्लिक इंट्रेस्ट नहीं है.

रोहतगी ने भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी द्वारा दायर एक पिटीशन की सुनवाई के दौरान कहा कि कोई पब्लिक फिगर शाम को अपने घर पर क्या करता है इससे आम लोगों को कोई मतलब नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे कुछ हासिल नहीं होता.उन्होंने कहा कि लिव इन रिलेशनशिप प्राइवेट लाइफ से जुड़ा मामला है और पब्लिक लाइफ से अलग करके देखना चाहिए.

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