तीस्ता सीतलवाड़ की कंपनी के खिलाफ CBI जांच का आदेश जारी

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने गुजरात दंगा पीड़ितों के लिए जारी फंड के कथित दुरुपयोग की आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की कंपनी सबरंग कम्युनिकेशन ऐंड पब्लिशिंग प्राइवेट लिमिटेड (SCPPL) के खिलाफ सीबीआई जांच करने के आदेश दिए है. गृह मंत्रालय ने एजेंसी को तीस्ता सीतलवाड़ की कंपनी के सभी खाते भी सील करने की भी बात कही.  इसके साथ ही सीबीआई को सीतलवाड़ की कंपनी में फॉर्ड फाउंडेशन से धन के कथित हस्तांतरण के मामले की भी जांच करने के निर्देश दिए है.

जानकारी के अनुसार एससीपीपीएल ने निजी कंपनी होते हुए फॉर्ड फाउंडेशन से 2.9 लाख डॉलर के समर्थन  मिलने की बात स्वीकारी थी हालांकि उसे विदेशी योगदान नियामक अधिनियम (FCRA) के अंतर्गत गृह मंत्रालय से अनुमति प्राप्त नहीं हुई थी.

सूत्रों ने बताया कि इसलिए चंदा मिलना एफसीआरए के प्रावधानों का गंभीर रूप से उल्लंघन किया गया है. इन प्रावधानों के अंतर्गत सिर्फ उन्हीं लोगों को विदेशी स्रोत से धन मिल सकता है, जिनका रजिस्ट्रेशन एफसीआरए दर्ज नहीं है.

दूसरी तरफ सीतलवाड़ केंद्र के इस निर्णय से बेहद खफा हैं. उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने का 'बेशर्म प्रयास' कह कर सम्बोधित किया. सीतलवाड़ ने समाचार पत्र को जानकारी दी कि SCPPL ने किसी कानून का उल्लघंन नहीं किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि पहले गुजरात और फिर केंद्र सरकार की तरफ से  यह कभी न अंत होने वाली कई जांच इस बात की और संकेत करती है कि सरकार की इच्छा उन लोगों को तंग  करने की है, जिन्होंने हाशिये पर खड़े होने वाले लोगों का सहयोग दिया था. उन्होंने बताया कि सीबीआई जांच की बात  केवल मीडिया के माध्यम से जानकारी में आई है.

गृह मंत्रालय को अप्रैल में सीतलवाड़ के दो एनजीओ- सबरंग ट्रस्ट और सेंटर फॉर जस्टिस ऐंड पीस की जांच में एफसीआरए का उल्लघंन मिला था. इसके बाद इस मामले पर स्पष्टीकरण माँगा गया था. इससे पहले गुजरात सरकार ने गृह मंत्रालय को लिखकर, सीतलवाड़ के दोनों एनजीओ में बड़े पैमाने पर एफसीआरए के उल्लंघन की शिकायत दर्ज की थी.

सबरंग ट्रस्ट और सीपेजी की जांच रिपोर्ट पर 19 जून की अंतिम तारीख तक अपना पक्ष प्रस्तुत करना था, लेकिन गृह मंत्रालय की तरफ से कोई कार्रवाई करने से पहले उन्हें और 15 दिन का समय दिया गया. इस मामले में संभावित कार्रवाई में एफसीआरए रजिस्ट्रेशन भी हो सकता है.

गुजरात सरकार और सीतलवाड़ के बीच कानूनी जंग चल रही है. सीतलवाड़ ने वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के विषय में पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित राज्य सरकार के कई अधिकारियों के विरूद्ध कई मामले दर्ज कराए हैं, वहीं राज्य पुलिस ने उनके खिलाफ धन की गड़बड़ी का मामला भी दायर किया है. गुजरात पुलिस गुलबर्ग सोसायटी के लोगों की शिकायत पर सीतलवाड़ के विरुद्ध 1.51 करोड़ रुपये के कथित गबन के मसले में जांच की जा रही है.

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