कोरोना संकट के बीच ही 10 बैंकों का विलय करेगी सरकार, बनेंगे चार बड़े बैंक

नई दिल्ली: कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन के बीच देश की बैंकिग व्यवस्था में सुधार करने के लिए सरकार 1 अप्रैल को बैंकों का विलय करने जा रही है.  केन्द्र की मोदी सरकार के इस कदम से देश की बैंकिग व्यवस्था को और भी अधिक मजबूती मिलेगी. अप्रैल महीने की शुरुआत में 10 बैंकों का विलय करके 4 नए बैंक स्थापित किए जाएंगे. 

यूनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया (UBI) और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) का विलय पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के साथ किया गया है. इस विलय के बाद यह सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन गया है. जबकि सिंडिकेट बैंक (SB) का केनरा बैंक (CB) के साथ विलय हुआ है. इसी के साथ इलाहाबाद बैंक (AB) का विलय इंडियन बैंक (IB) के साथ हुआ है और आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में मर्ज किया गया है. 

इस विलय के बाद देश में सात बड़े आकार के बैंक होंगे जिनका कारोबार 8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का होगा. इस मर्जर के बाद देश में सात बड़े बैंक, पांच छोटे बैंक रह जाएंगे. आपको बता दें कि वर्ष 2017 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तादाद 27 थी. इसके अलावा सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक का मर्जर किया. इन तीनों बैंकों के मर्जर के बाद बनने वाला बैंक देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक हो गया है.   

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इस कारण इलाहाबाद बैंक और इंडियन बैंक के विलय में हो रही देरी

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