बाल मजदूरी को रोकने के लिए सरकार बनाएगी नया कानून

नई दिल्ली : वर्तमान समय में बाल अपराधों में बढ़ रही वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इससे संबंधित कानून में बदलाव करने का विचार किया है। मौजूदा कानून में खामियाँ बताते हुए महिला एवं बाल अधिकार मंत्रालय के एक सीनियर ऑफिसर ने यह बताया कि तस्करी न केवल मानव अंगों के कारोबार के लिए ब्लकि यौन उत्पीड़न के लिए होती है।

जबरन मजदूरी और उनकी तस्करी की जाती है तथा अनैतिक तस्करी और यौन शोषण के खिलाफ बच्चों का संरक्षण समेत अन्य मौजूदा कानून ऐसे मामलों में निरस्त हो रहे हैं। साथ ही इस कानून में विस्तृत व्याख्या भी नही है। जैसे यदि जबरन मजदूरी हो तो क्या सजा दी जाए। यौन शोषण तक की उचित व्याख्या नही की गई है।

संबंधित मंत्रालयों, राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों और कुछ एनजीओ के सदस्यों के साथ सचिव की अध्यक्षता में मिनिस्टरी की स्थायी समिति की बैठक हुई, जिसमें इसी के मद्देनजर सभी प्रकार की तस्करी से निपटने के लिए समग्र कानून बनाने का फैसला किया गया।

कानून को अंतिम रूप देने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की नोडल एजेंसी है लेकिन गृह मंत्रालय इस मुद्दे पर पहले एक नोट तैयार करेगा। कानून मंत्रालय पहले मसौदा तैयार करेगा। इसमें पीड़ितों के पुनर्वास की व्यवस्था भी की जाएगी।

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