केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जताई कलाम के परिवार के प्रति संवेदना

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को एक विशेष बैठक में पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के निधन पर शोक जताया। मंत्रिमंडल ने इस संबंध में एक प्रस्ताव भी पारित किया, जिसमें कहा गया कि कलाम के निधन से देश ने एक 'दूरदर्शी वैज्ञानिक, एक सच्चा राष्ट्रभक्त और महान बेटे को खो दिया।' मंत्रिमंडल की यह विशेष बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई, जहां सरकार और पूरे देश की तरफ से कलाम के परिवार के प्रति संवेदना जताई गई। प्रस्ताव में कहा गया, "कलाम ने भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लांच व्हीकल के निर्माण में योगदान दिया था और भारत को स्पेस क्लब में शामिल करने किया। भारत के 'मिसाइल मैन' के रूप में विख्यात कलाम ने अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के निर्माण और क्रियान्वयन में योगदान दिया। उन्होंने हल्के लड़ाकू विमान की वकालत करते हुए देश को रक्षा प्रणाली में आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया।"

प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि कलाम 1992-99 तक रक्षा मंत्री और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव के वैज्ञानिक सलाहकार रहे थे। प्रस्ताव में कहा गया, "इस अवधि में सामरिक मिसाइल प्रणालियों का विकास हुआ और पोखरण-2 परमाणु परीक्षण भी किए गए। कलाम 1999 से 2001 तक सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार रहे।" पूर्व राष्ट्रपति कलाम का सोमवार शाम शिलांग में निधन हो गया। कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने मद्रास प्रौद्योगिकी संस्थान से एयरोनॉटिकल इंजिनियरिंग में विशेषज्ञता हासिल की थी।

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