CBI ने उच्चतम न्यायालय से मांगी नई एफआईआर दर्ज करने की अनुमति

नई दिल्ली : सीबीआई ने 2जी स्पेट्रम मामले में कथित हस्तक्षेप की घटना की जांच के लिये उच्चतम न्यायालय से नई एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी है. इस मामले में मौजूदा आरोपी ने एक कंपनी के एक व्यक्ति विशेष की भूमिका पर पर्दा डालने का प्रयास किया था. एससी के मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की खंडपीठ ने इस मामले को 30 अप्रैल के लिये सूचीबद्ध कर दिया है. 
सीबीआई की ओर से वरिष्ठ अधिव्यक्ता के वेणुगोपाल ने इस संबंध में संक्षिप्त दलीलें कोर्ट में पेश की. वेणुगोपाल ने 2जी स्पेट्रम घोटाले में हो रही जांच रिपोर्ट में हुई प्रगति का एक अंश पढ़ा और फिर सीलबंद लिफाफे में नई रिपोर्ट न्यायालय में के समक्ष पेश की. 
उन्होंने कहा कि जांच एजेन्सी को एक आडियो टेप भी उपलब्ध कराया गया है जिसकी सत्यता की पुष्टि कर ली गई है कि संबंधित व्यक्ति कंपनी से जुड़ा है जिसने रिश्वत देने का प्रयास किया है. वेणुगोपाल ने कहा कि स्कैम के मामले में कथित रूप से शामिल लोगों के खिलाफ कई मामले बनते हैं.
इनमें आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), धारा 193 (झूठे साक्ष्य पेश करना), 201 (साक्ष्य नष्ट करना), 465 (जालसाजी), 467 (कीमती प्रतिभूतियों की जालसाजी) और 486 (नकली चिन्हों के साथ माल बेचना) शामिल हैं. उन्होंने कहा कि ये अतिरिक्त प्राथमिकी 2जी प्रकरण में आरोपियों के खिलाफ पहले से ही चल रहे मुकदमों से अलग होगी. 
वेणुगोपाल ने ऑडियो रिकार्डिग का जिक्र करते हुए कहा कि ये सारे व्यक्ति पहले से ही स्पेक्ट्रम प्रकरण में आरोपी है. न्यायालय ने सीबीआई से जानना चाहा कि क्या जिन व्यक्तियों के खिलाफ जांच की जानी है उनके पक्ष सुने बगैर ही उसे उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की इजाजत दे सकता है. वेणुगोपाल ने कहा, हम मौजूदा आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आगे जांच के लिये नई प्राथमिकी दर्ज करना चाहते हैं.

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