चंडीगढ़ : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के सामने एक बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकतीं है. सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने गुरुवार को हरियाणा के 3 जिलों के किसानों और जमीन मालिकों से उनकी जमीन लेकर औने-पौने दाम में बेचने के मामले में कुछ बिल्डर्स और सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इस मामले में सरकार को करीब 1500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. CBI के मुताबिक इन प्राइवेट बिल्डर्स ने हरियाणा सरकार के कर्मचारियों से सांठगांठ करके मानेसर, नौरंगपुर और लखनौला के किसानों और जमीन मालिकों से लगभग 400 एकड़ जमीन खरीदी थी. बता दें की हरियाणा सरकार के अनुरोध पर जांच एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है. यह सभी मामले 2004 से 2007 के बीच के हैं. इसी साल मार्च में हरियाणा विधानसभा में कैग की रिपोर्ट भी पेश की गई थी. इसमें वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को हरियाणा में बड़ा फायदा होने की बात सामने आई थी. इस मामले में भी हरियाणा की कांग्रेस सरकार ने मामूली रकम लेकर जमीनें वाड्रा को दे दी थी. एजेंसी ने जांच में पाया कि मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के कार्यकाल में हरियाणा सरकार ने पहले गुड़गांव के मानेसर, नौरंगपुर और लखनौला में एक इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप के लिए लगभग 912 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था. CBI ने कहा कि इस नोटिफिकेशन के बाद प्राइवेट बिल्डर्स ने जमीन मालिकों से यह कहकर जमीनें कम दामों पर ले लीं कि उनको मुआवजे में बहुत कम राशि मिलेगी. एजेंसी का दावा है कि जमीन मूल मालिकों के बजाय बिल्डर्स, उनकी कंपनियों और एजेंटों को रिलीज करना सरकारी नियमीन के खिलाफ है. एजेंसी का आरोप है कि प्राइवेट बिल्डर्स ने गलत तरीकों से जमीन मालिकों से उसकी जमीन 100 करोड़ रुपए में हथिया ली, जिनकी बाजार में उस समय कीमत 1600 करोड़ रुपए थी. एजेंसी ने कहा है कि हरियाणा पुलिस ने इस मामले में इस साल अगस्त में एक FIR दर्ज की और केंद्र सरकार से मामला CBI को सौंप दिया था.