नई दिल्ली: देश कि सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद जिस तरीके से सीबीआई के निदेशक पद पर आलोक वर्मा को बहाल किया गया था, उसके बाद पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने उन्हें फिर से पद से हटा दिया है. सीबीआई अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के बाद पहली बार बयान देते हुए आलोक वर्मा ने कहा है, कि जब सीबीआई की गरिमा को बर्बाद किया जा रहा था तो मैंने उसे कायम रखने की प्रयास किया था. सीबीआई के विशेष निदेशक का नाम लिए बिना आलोक वर्मा ने कहा है कि यह निराशाजनक है कि केवल एक व्यक्ति द्वारा मुझ पर लगाए गए निराधार आरोपों के कारण मेरा तबादला हुआ है. जीएसटी काउंसिल की बैठक जारी है, कई अहम मुद्दों पर चर्चा आलोक वर्मा ने कहा है कि, सीबीआई देश की मुख्य जांच एजेंसी है जो हाई प्रोफाइल भ्रष्टाचार से सम्बंधित मामलों की जांच करती है, ऐसे में इसकी संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा होनी चाहिए. इसे बिना किसी बाहरी दबाव या प्रभाव के कार्य करना चाहिए. जब संस्थान को बर्बाद किया जा रहा था तो मैंने इसकी गरिमा को कायम रखने की कोशिश की थी. मैंने हमेशा संस्थान के सम्मान के लिए हमेशा कार्य किया और अगर फिर से जिम्मेदारी सौंपी जाती है तो मैं कानून राज स्थापित करूंगा. 25 हजार रु वेतन, National oceanography ने निकाली वैकेंसी आपको बता दें कि केंद्रीय जांच ब्यूरो के अध्यक्ष आलोक वर्मा को पीएम मोदी, कांग्रेस नेता मलिकार्जुन खड़गे और जस्टिस एके सीकरी की सदस्‍यता वाली चयन समिति ने निदेशक पद से हटाया है. पीएम मोदी के आवास पर इस मामले को लेकर ढाई घंटे तक चली बैठक में यह फैसला लिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए आलोक वर्मा को उनके पद पर बहाल कर दिया था, जिन्हें सरकार ने करीब ढाई महीने पहले अवकाश पर भेज दिया था. खबरें और भी:- आज शेयर बाजार ने की सुस्त शुरुआत आज डॉलर के मुकाबले रुपये की हुई स्थिर शुरुआत बजट सत्र : एक फरवरी को पेश हो सकता है अंतरिम बजट