1984 सिख दंगो के आरोपी टाइटलर फंसे धोखाधड़ी के आरोप में

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को धोखाधड़ी के आरोप में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर और हथियारो के व्यापारी अभिषेक वर्मा पर कार्रवाई शुरु कर दी है। मामला 2009 का है, जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। उस समय इन दोनो ने मिलकर मनमोहन सिंह को फर्जी पत्र लिखा था। सीबीआई की विशेष अदालत की जज अंजू बजाज चंदना ने टाइटलर और वर्मा के खिलाफ धारा 420, 471 और 120(बी) के तहत कार्यवाही शुरु की है। ये क्रमशः धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और आपराधिक साजिश का मामला है।

अदालत ने भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत भी आरोप लगाए है। इस मुकदमे के बाद टाइटलर और वर्मा ने कहा कि ये आरोप असत्य है। हम मुकदमे का सामना करेंगे। इसके बाद जज ने अभियोजन पक्ष की गवाही दर्ज करने के लिए मामले को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। अदालत ने सितंबर माह में दोनो पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले को सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद टाइटलर को जमानत मिल गई थी। जबकि वर्मा नेवी से जुड़े एक अन्य मामले में हिरासत में है।

इसकी शिकायत तत्कालीन गृह राज्य मंत्री अजय माकन ने की थी। माकन ने आरोप लगाया था कि 2009 में उनके लेटरहेड का गलत उपयोग कर मनमोहन सिंह को एक फर्जी लेटर भेजा था जिसमें वीजा नियमों में ढील देने की मांग की गई थी। आरोप पत्र में सीबीआई ने कहा था कि एक चीनी टेलिकॉम फर्म से धोखाधड़ी करने के लिए टाइटलर और वर्मा की साथ में मिलीभगत थी। टाइटलर ने कंपनी के अधिकारियों को पहले फर्जी लेटर दिखाया और फिर कहा कि ये पत्र माकन ने प्रधानमंत्री को लिखा है। 

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