डाक्टर हमेशा से ऊंची एड़ी वाली चप्पलें व सैंडिल पहनने से बचने की सलाह देते आ रहे हैं. फैशन के चलते उनकी सलाह सुनना कोई पसंद नहीं करता है. हर किसी महिला को शारीरिक बढ़ाने हेतु इस तरह की चप्पलें व सैंडिल अधिक भाती हैं. एस्ट्रोजन हार्मोंस भी इस दर्द के लिये जिम्मेदार होता है. होता यह है कि चालीस-पैंतालीस वर्ष के उपरांत महिलाओं में मासिक चक्र लगभग बंद हो जाता है जिससे रीढ़ की हड्डी में कठोरता आने व कमर के आसपास चर्बी जम जाने से यह दर्द शुरू हो जाता है. एस्ट्रोजन की कमी यानि शरीर में कैल्शियम की कमी को दर्शाता है जिससे ओस्टियोपोरेसिस नामक रोग होता है जो हड्डी से जुड़ा रोग है. उठने बैठने के गलत तरीके या झटकेदार तरीके से उठने बैठने के कारण कभी रीढ़ की डिस्क खिसक जाती है. इसके अलावा ज्यादा आरामतलब जिंदगी तथा कुछ घातक बीमारियां भी इस रोग की जनक मानी जाती है. प्रायः पीछे के पॉकेट में मोटी पर्स या मोबाइल रखना लड़कियां फैशन समझती हैं, पर यह भी कमर दर्द के लिए सबसे बड़ा कारण बन जाता है.