नोट के लेमिनेशन का उपचार, कैशलेस ट्रांजिक्शन

भारत में इन दिनों एक ही विषय पर प्रमुखता से चर्चा हो रही है। भले ही चाय का कोई स्टाॅल हो, कोई कैंटीन हो या फिर देश का कोई भी कोना हर जगह लोग नोटबंदी का रोना रो रहे हैं। कुछ लोग प्रसन्न हैं कि चलो कालाधन तो समाप्त हो रहा है। सफेद धन बढ़ रहा है। तो कुछ लोग मायूस हैं कि अब उनके हाथ में सीमित नोट ही आ रहे हैं। देश में कैशलेस ट्रांजिक्शन का जोर बढ़ रहा है।

तो दूसरी ओर विदेशों की तरह भारत में प्लास्टिक मनी के चलन को बढ़ाने पर लोग चर्चा कर रहे हैं। ऐसे नोट जो कटे -फटे न, गले न और इनकी डुप्लीकेसी भी न हो सके। ऐसे नोट चलन में आने पर लोगों को आसानी होगी और भारतीय मुद्रा एक सुव्यवस्थित तरह से चलन में होगी वर्ना अभी तक तो भारतीय थोड़ा एडजस्ट करने के मूड़ में ही नोट चलाते रहे हैं।

5 रूपए के नोट पर इसका असर देखा जा सकता है। इस नोट को पारदर्शी पोलिथीन बैग में लगभग लेमिनेशन के अंदाज़ में रख दिया जाता है और वही नोट सब दूर चलता है। हजारों हाथों तक पहुंचते पहुंचते इस कटे - फटे नोट की कई बार सर्जरी की जाती है। कई स्थानों पर नोट टेप से चिपका रहता है लेकिन सभी इस नोट को परस्पर हस्तांतरित करते समय कहते हैं ये नोट चलेगा नहीं दौड़ेगा।

ऐसे ही हालात 10 रूपए के नोट के साथ भी देखने को मिलते हैं। हालांकि 10 रूपए के टेप से चिपके नोट आसानी से तो स्वीकार नहीं किए जाते हैं लेकिन कुछ जोर डालने पर लोग इसे ले लेते हैं और फिर अपने पास आया टेप लगा यह धन किसी दूसरे को टिकाने के मूड़ में रहते हैं नोट को यहां से वहां करने का यह चलन चलता रहता है मगर अब देश में एक नई व्यवस्था की शुरूआत होती नज़र आ रही है

जिसमें लोग नोट नहीं आंकड़ों को यहां से वहां कर सकते हैं और अपनी जरूरत का सामान खरीद सकते हैं। यह है कैशलेस ट्रांजिक्शन, कार्ड स्वैप कर और मोबाईल एप से ट्रांजिक्शन कर लोग नोटों को दौड़ा - दौड़कर चलाने के चलन से निजात जरूर पा सकते हैं।

Related News