रेडियो में हैं करियर के ऑप्शन अपार

हर कोई युवा अपने करियर के लिए चिंतित होता हैं.युवाओ के लिए करियर बनाने के लिए कई ऑप्शन उपलब्ध होते हैं.जिसमे से रेडियो जॉकी बनकर करियर को नया आयाम दे सकते हैं.इसके अलावा आप आगे जाकर इसी फील्ड से सम्बंधित क्रिएटिव राइटर, प्रोड्यूसर, मीडिया मैनेजर भी बन सकते हैं.जानिए रेडियो के क्षेत्र से जुडी कुछ ज़रूरी बातें:-

1) रेडियो जॉकी :- रेडियो जॉकी किसी भी रेडियो चैनल का प्रमुख चेहरा होता हैं.उसी की आवाज़ के जादू से लोग रेडियो चैनल को सुनना पसंद करते हैं.रेडियो जॉकी का मुख्य काम श्रोताओ का मनोरंजन करना होता हैं.

एलिजिबिलिटी :- रेडियो जॉकी बनने के लिए 12वीं के बाद रेडियो जॉकी के क्षेत्र में सर्टिफिकेट या डिप्लोमा या मास कम्युनिकेशन में डिग्री-डिप्लोमा कोर्सेज उपलब्ध होते हैं.इसके अलावा अच्छी आवाज़ के साथ श्रोताओं को एंटरटेन करने और , प्रजेंटेशन स्किल के अलावा लैंग्वेज का नॉलेज होना ज़रूरी हैं.

2) न्यूज रीडर :- रेडियो पर न्यूज़ बुलेटिन पेश करने का काम होता हैं न्यूज रीडर का. पर यह अभी सिर्फ आल इंडिया रेडियो बुलेटिन में ही हैं.बाकी दूसरे एफएम चैनल्स में रेडियो रेडियो ही न्यूज बुलेटिन्स की भूमिका निभाते हैं.

एलिजिबिलिटी :- इस फील्ड के लिए जर्नलिज्म में डिग्री या डिप्लोमा होना ज़रूरी हैं.इसके अलावा अच्छी आवाज़,कॉन्फिडेंस और करंट अफेयर्स की जानकारी होना ज़रूरी हैं.

3) प्रोड्यूसर या प्रोग्राम डायरेक्टर :- प्रोग्रामिंग सेक्टर दो भागो में बटा होता हैं.पहला होता हैं प्रोड्यूसर और दूसरा रेडियो जॉकी.एफएम का सारा काम इसके द्वारा ही किया जाता हैं,प्रोडूसर का मैन काम रेडियो जॉकी के लिए लिखना होता हैं.इसके अलावा प्रोग्राम्स बनाने की ज़िम्मेदारी भी प्रोड्यूसर की ही होती हैं.

एलिजिबिलिटी :- इस फील्ड के लिए मास कम्युनिकेशन या रेडियो प्रोडक्शन में डिग्री या डिप्लोमा होना ज़रूरी हैं.इसके साथ लैंग्वेज का ज्ञान,युथ को पसंद आने वाली स्टाइल की लैंग्वेज की समझ होना ज़रूरी हैं.

4)कंटेंट राइटर :- अगर आप अच्छा लिख सकते हैं तो आप कंटेंट राइटर भी बन सकते हैं.अच्छा लिख पाना आपके लिए एक प्लस पॉइंट होगा.

एलिजिबिलिटी :- अच्छे कंटेंट राइटर बनने के लिए आपको जिज्ञासु होना ज़रूरी हैं.इसके अलावा जनरल नॉलेज होना भी ज़रूरी हैं.किसी भी स्टोरी को इंट्रेस्टिंग तरीके से पेश कर पाने की एबिलिटी भी होना ज़रूरी हैं.

5) ट्रांसलेटर:- ट्रांसलेटर का काम न्यूज बुलेटिन और प्रोग्राम के लिए बनायीं गयी स्क्रिप्ट को ट्रांसलेट करना.ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के प्रमुख केन्द्र दिल्ली के अलावा विभिन्न क्षेत्रीय केन्द्रों में हिंदी, अंग्रेजी के आलावा कई अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के ट्रांसलेटर की नियुक्ति होती है.

एलिजिबिलिटी :- ट्रांसलेटर के लिए अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी या संबंधित क्षेत्रीय भाषा का नॉलेज होना ज़रूरी हैं.

ऑल इंडिया रेडियो में करियर:-

ऑल इंडिया रेडियो में न्यूज रीडर, रिपोर्टर, ट्रांसलेटर, प्रोग्राम एग्जीक्यूटिव, ट्रांसमिशन एग्जीक्यूटिव, इंजीनियर्स आदि पदों पर भर्ती के लिए प्रसार भारती द्वारा विज्ञप्ति जारी की जाती हैं.ये भर्तियां कांट्रेक्ट बेसिस पर होती हैं.कभी-कभी SSC या UPSC द्वारा भी नियुक्ति की जाती हैं.इसके अलावा उम्मीदवारों का रिटेन टेस्ट, ऑडिशन और इंटरव्यू भी लिया जाता हैं जिसके बाद ने ऑल इंडिया मेरिट नंबर भी देखा जाता हैं.

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