एक शराबी सड़क के किनारे बहुत ज्यादा पीने के कारण लगभग बेसुध सा पड़ा हुआ था। टूटाराम ने उसके पास आकर पूछा – “आखिर इतनी ज्यादा पीनेकी क्या जरूरत थी ? फूटाराम – “मजबूरी थी… पीने के अलावा और कोई चारा ही नहीं था..। टूटाराम – “आखिर ऐसी क्या मजबूरी हो गई थी ?” फूटाराम – “बोतल का ढक्कन गुम हो गया था … !”