70 के दशक में बिकनी पहनने वाली अभिनेत्री है शर्मीला

रूप तेरा मस्ताना प्यार मेरा दीवाना भूल कोई हमसे न हो जाये... इस गीत के टेलीविज़न पर आते ही युवा भी अपनी नज़रें टीवी पर जमा लेते हैं. हम बात कर रहे है दिग्गज अभिनेत्री शर्मीला टैगोर की. जिनकी सुंदरता की मिसाल आज भी दी जाती है. उनकी अदाकारी का लोहा आज भी माना जाता है. आज ही के दिन यानि 8 दिसंबर 1944 को हैदराबाद की एक बंगाली फैमली में जन्मी शर्मीला टैगोर ने महज 13 वर्ष की उम्र में अपने फ़िल्मी करियर की शुरूआात की थी. उन्होंने सत्यजित रे की फिल्म अपू-त्रयी से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की थी.

यह फिल्म साल 1959 में प्रदर्शित हुई. फिल्म से उन्होंने लोगो का ध्यान भी आकर्षित किया गया. फ़िल्मी जीवन व्यतीत करने के बावजूद भी उनके व्यहवार में रविंद्रनाथ टैगोर और शांति निकेतन के संस्कार साफ़ तौर पर दिखाई देते थे. उनकी प्रारंभिक शिक्षा शांति निकेतन से हुई थी. उनकी प्रतिभा को देखते हुए सत्यजीत रॉय ने उन्हें कई मौके दिए. बंगाली फिल्म के साथ साथ उन्होंने हिंदी फिल्मो में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई.

साल 1964 में प्रदर्शित हुई फिल्म कश्मीर की कलि ने उन्हें एक अलग ही पहचान दी. फिल्म में उन्होंने कश्मीरी लड़की का किरदार निभाया. उन्होंने अपने करियर में अमर प्रेम, आराधना, मेरे हमदम मेरे दोस्त, इन इवनिंग इन पैरिस, सफर, कश्मीर की कली,फरार और वक्त जैसी सुपरहिट फिल्मो में काम किया. साल 1969 में उन्होंने क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी से शादी कर ली. जिन्हे नवाब पटौदी भी कहा जाता है. शर्मिला के तीन बच्चे है. सैफ अली खान, सोहा अली खान और शाबा अली खान.शर्मिला 70 के दशक में फिल्म एन इविंग इन पेरिस में बिकनी पहन चुकी है.

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