हैप्‍पी बर्थडे पंकज उधास : 'ऐ ग़मे जिंदगी कुछ तो दे मशवरा....'

बॉलीवुड में आज भी अपनी मखमली आवाज के चलते लोगो के दिलो पर राज करने वाले हमारे पंकज उधास का आज जन्मदिन है. दुनिया भर के संगीत प्रेमियों के दिलों पर राज़ करने वाले ग़ज़ल गायक पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के राजकोट के निकट जेटपुर में गुजराती जमींदार परिवार में हुआ था. पंकज उधास ने कई फिल्मो में अपनी शानदार व सुमधुर आवाज के चलते कई चर्चित गीतों में अपनी आवाज का जादू बिखेरा.

बता दे कि, पंकज उधास को बॉलीवुड के दिग्गज गजल गायको में शुमार तलत अजीज़ और जगजीत सिंह जैसे दिग्गज ग़ज़ल गायकों के साथ ग़ज़ल को लोकप्रिय करने के लिए जाना जाता है. पंकज उधास का एक बहुचर्चित सॉन्ग 'चिट्ठी आई...' के बारे में तो आप जानते ही है जो के आज भी सभी के बीच में गुनगुनाया जाता है. पंकज उधास का यह प्रसिद्ध सॉन्ग जो के 1986 में आई फिल्म 'नाम' का जिसमे हमे बॉलीवुड के दो दिग्गज अभिनेता संजय दत्त व कुमार गौरव नजर आए थे.

पंकज उधास ने इसके अलावा और भी बहुत सी फिल्मो में अपनी शानदार गायकी का हुनर प्रस्तुत किया है. उनके पिता का नाम केशुभाई उधास और माता का नाम जीतूबेन उधास था. उनके बड़े भाई मनहर उधास जाने-माने पार्श्वगायक हैं और उनके दूसरे बड़े भाई निर्मल उधास भी गज़ल गायक हैं. घर में संगीत का माहौल पहले से था.

ऐसे में उनकी रुचि भी संगीत की ओर बढ़ी. उन्‍होंने सात साल की उम्र से ही गाना शुरू कर दिया था. पंकज उधास ने फिल्मो के अलावा कई एल्बम भी रिकॉर्ड किये है. पंकज उधास को पद्मश्री से भी सम्मानित  किया जा चुका है. पंकज उधास ने भारतीय संगीत को एक नयी उंचाई दी है. उनके जन्मदिन पर आइये जानते हैं उनके गाये ऐसे 6 गीत जिसे सुनकर खो जायेंगे आप!                    

 'चांदी जैसा रंग है तेरा' "चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे बाल, एक तू ही धनवान है गोरी, बाकी सब कंगाल..." यह पंकज उधास का गाया एक बहुचर्चित लव सांग (ग़ज़ल) है. आज की जेनेरेशन भी इस गीत को बड़े ही चाव से सुनते हैं. खास कर तब जब आप प्यार में होते हैं!

वो बन संवर कर चले हैं घर से... पंकज उधास के इस सॉन्ग ने भी मनचलो के मन मे प्यार की एक तरंग उतपन्न कर दी थी. 

'निकलो न तुम बेनक़ाब' निकलो न तुम बेनक़ाब, ज़माना खराब है. यह गीत भी एक दौर में सबके जुबां पर चढ़ गया था.   'घुंघरू टूट गए' ''घुंघरू टूट गए'' भी उधास के पॉपुलर गीतों में से हैं. लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने एक कार्यक्रम में कहा था कि यही वो गीत है जिसे सुनकर मैं गाने लगी और आज इस मुकाम पे हूं. पंकज उधास ने न सिर्फ फैंस में बल्कि कलाकारों में भी रोशनी भरने का काम किया है.    आप जिनके करीब होते हैं... आप जिनके करीब होते हैं, वो बड़े खुशनसीब होते हैं! यह गीत सुनकर भी आपको अपने महबूब की याद ज़रूर आ जायेगी.    ऐ ग़मे ज़िंदगी कुछ तो दे मशवरा... "ऐ ग़मे ज़िंदगी कुछ तो दे मशवरा, एक तरफ उसका घर, एक तरफ मैकदा" यह गीत भी आशिकों के उलझन को बखूबी बयान करने का दम-खम रखती है. कभी-कभी प्रेम आपको एक ऐसी दो राहे पर लाकर खड़ा कर देता है, जहां आप पंकज उधास के ये गीत गुनगुना उठते हैं!  

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