विवादों में बोहरा समाज के धर्म गुरू, दिया महिला खतना पर जोर

मुंबई : मुस्लिम मान्यता के अनुसार खतना किए जाने की परंपरा है। मगर अब आधुनिक दौर में इस परंपरा पर सवाल उठाए जा रहे हैं। मगर धर्मगुरूओं द्वारा इसके होने और किए जाने पर जोर दिया जा रहा है। ऐसा ही जोर दाऊदी बोहरा समाज के प्रमुख धर्मगुरू सैयदना मुफ्फदल सैफुद्दीन ने दिया है। उन्होंने खतना परंपरा को पुरूषाओं और स्त्रियों दोनों के लिए महत्वपूर्ण माना है। उन्होंने इशारों इशारों में इसका समर्थन किया।

दरअसल मुंबई के भेंडी बाजार की सैफी मस्जिद में उन्होंने अनुयायियों को संबोधित किया। उनकी वाअज का प्रसारण कई स्थानों पर हुआ। उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े संप्रभु देश किसी भी तरह से हमारी चीजों को बदलना चाहते हों तो भी हम उन्हें समझने के लिए तैयार नहीं हैं।

यदि पुरूष है तो उसका खतना खुलेआम हो और स्त्री है तो गुपचुप उसका खतना हो। धर्म गुरू के इस संदेश पर धर्मावलंबी भी आश्चर्य कर रहे हैं कि इस दर्दनाक परंपरा का धर्म गुरू जारी रखने का आदेश किस तरह से दे सकते हैं। उनके इस तरह के बयान से विवाद होने प्रारंभ हो गए हैं। इस मामले में कुछ का कहना है कि यह परंपरा बंद की जानी चाहिए। जबकि कुछ इसे धर्म के अनुसार मानते हैं। 

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