हर दिन एक सूर्य को निगल रहा ये भूखा ब्लैक होल, जल्द आएगा धरती के करीब !

नई दिल्ली: ब्रह्मांड के रहस्यों से अब तक कोई नहीं समझ सका है। चांद, तारे, सूर्य, ग्रह, आकाशगंगा और न जाने क्या-क्या है, जो आज तक इंसान के मस्तिष्क को उलझाए हुए है। इंसान ने काफी कुछ समझने की कोशिश की है, किन्तु वो भी अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। ऐसा ही एक रहस्य है ब्लैकहोल। ब्रह्मांड में एक ऐसा भी ब्लैकहोल मौजूद है, जो विशालकाय सूर्य को भी निगल जाता है। ये ब्लैकहोल सूर्य से 3400 करोड़ गुना बड़ा है। आश्चर्य की बात तो ये हैं कि ये ब्लैकहोल जे2157 एक ही महीने में दोगुने आकार का हो जाता है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि ये ब्लैकहोल ब्रह्मांड के सबसे विशाल ब्लैकहोल एबेल 85 से जरा सा छोटा है, किन्तु इसका वजन 4,000 करोड़ सूर्य के बराबर है। ब्लैकहोल को लेकर हुए ऑस्ट्रेलियाई नेशनल यूनिवर्सिटी की एक नई रिसर्च से पता चला है कि मिल्की वे का ये ब्लैकहोल यदि इसी गति से बढ़ता रहा तो ये आकाशगंगा के दो तिहाई तारों को यूंही निगल जाएगा। स्टडी के मुताबिक, एक ब्लैकहोल कितने सूर्य या तारों को निगल जाएगा ये इस पर निर्भर है कि वो कितना विशाल हो चुका है। मिल्की वे का ये ब्लैकहोल पहले ही काफी बड़ा हो गया है। ये इतना बड़ा हो गया है कि ये प्रति 10 लाख वर्षों में 1% बढ़ जाता है।

वैज्ञानिक बताते हैं कि ये ब्लैकहोल ब्रह्मांड का सबसे चमकीला ब्लैकहोल है। इसकी खोज करने वाले वैज्ञानिक क्रिश्चियन वुल्फ का कहना है कि ये जितनी गति से बढ़ रहा है,उतनी ही तेजी के साथ ये हजार गुना अधिक तेजी से चमकदार होता जा रहा है।

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