ऑटो परमिट मामले को लेकर बीजेपी ने घेरा दिल्ली सरकार को

नई दिल्ली : 2015 का अंत बदले की राजनीति से हो रहा है। एक ओर जहां आम आदमी पार्टी ने वित मंत्री अरुण जेटली पर कई आरोप लगाए तो वहीं बीजेपी सरकार ने दिल्ली सरकार पर धावा बोल दिया है। दिल्ली में ऑटो परमिट घोटाले को लेकर बीजेपी केजरीवाल सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आई है। बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन किया।

मामला इतना बढ़ गया कि प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने उन पर पानी की बौछार कर दी। प्रदर्शनकारी केजरीवाल इस्तीफा दो, गोपाल राय इस्तीफा दो के नारे लगा रहे थे। बीजेपी ने तीन अफसरों पर की गई कार्रवाई को अपर्याप्त बताया। विदजिलेंस विबाग इसकी जांच कर रहा है। पार्टी का आरोप है कि परमिट फर्जी पते पर दी गई है और आप के कार्यकर्ताओं को ही दिए गए है। भारतीय मजदूर संघ ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।

दिल्ली में परिवहन विभाग से 10,000 ऑटो के नए परमिट जारी करने में गड़बड़ी का आरोप है। बीजेपी का कहना है कि 23 दिसंबर से अब तक जारी किए गए 932 लेटर ऑफ इंटेंट में नियमों की अनदेखी की गई है। कहा जा रहा है कि लेटर ऑफ इंटेंट जारी करने के लिए घूस ली गई है। बता दें कि लेटर ऑफ इंटेंट वो दस्तावेज है जिसकी मदद से ऑटो चालकों को नए ऑटो के लिए लोन मिलता है, लेकिन दिल्ली के परिवहन विभाग में हुए फर्जी वाड़े की वजह से ऑटो चालकों को या तो दलालों और डीलरों से ब्लैक में लेटर ऑफ इंटेंट लेना पड़ रहा है या फिर दोगुना पैसा देकर लेटर ऑफ इंटेंट वाला नया ऑटो खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।

दरअसल इस मामले में शिकायत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एसएमएस के जरिए मिली थी। जिसके बाद डिप्टी कमिश्नर एस रॉय बिस्वास, इंस्पेक्टर मनीष पुरी और क्लर्क अनिल यादव को निलंबित कर दिया गया था। विपक्ष अब सरकार के कामकाज पर ही निशाना साध रही है। बीजेपी का कहना है कि जिस केजरीवाल ने इमानदारी की शपथ ली थी, वो आज गरीब ऑटो चालकों की जेब पर डाका डाल रहे है। सभी लेटर ऑफ कंटेंट को कैंसिल कर दिया गया है। केजरीवाल से इस मामले में कहा है कि जांच के आदेश दे दिए गए है, जरुरत पड़ी तो सीबीआई की मदद भी ली जाएगी।

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