जेएनयू देशद्रोह मामले पर राम माधव का बड़ा बयान, कहा देश को गाली देना अभिव्यक्ति की आज़ादी नहीं

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्विधालय देशद्रोह केस में कन्हैया कुमार और उमर खालिद समेत 10 के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा आरोप-पत्र दाखिल करने के बाद एक बार फिर विवाद छिड़ गया है. इन तमाम लोगों पर देशद्रोह के मामले में आरोप-पत्र दाखिल करने को लेकर बहस छिड़ चुकी है कि, क्या इनका अपराध वाकई इतना संगीन है. इन तमाम मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव राम माधव ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि देशद्रोह के मामले में सबके साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए.

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राम माधव ने कहा है कि,'अगर किसी को लगता है कि उनके साथ इस सम्बन्ध में कानून के अनुसार वर्ताव नहीं हो रहा है, तो वे अपनी बात अदालत के सामने रख सकते हैं.' लोकसभा चुनावों के मसले पर राम माधव ने कहा कि देश में फिलहाल पीएम मोदी का कोई विकल्प नहीं है और यूपी में सपा-बसपा के गठबंधन से निपटने के लिए भाजपा पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने कहा है कि पार्टी कुछ ही महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनावों में विकास के एजेंडे पर ही चुनावी मैदान में उतरेगी.

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अभिव्यक्ति की आज़ादी के प्रश्न पर राम माधव ने कहा है कि ऐसा कहा जाता है कि मेरी आज़ादी वहां ख़त्म हो जाती है, जहां आपका दायरा शुरू होता है. आप अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर देश को गाली नहीं दे सकते हैं. आप देश के टुकड़े-टुकड़े होने की बात करेंगे और कहेंगे की ये मेरी अभिव्यक्ति की आज़ादी है तो ये सरासर गलत है, इसकी भी कुछ संवैधानिक सीमाएं निर्धारित हैं.

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