भाजपा का देश को कांग्रेस मुक्त करने का सपना रहा अधूरा

गुजरात में 22 वर्ष सत्ता में रहने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने छटी बार अपनी जीत का परचम लहराया है गुजरात और हिमाचल चुनाव में भाजपा ने साबित कर दिया कि वह कांग्रेस से अच्छी पार्टी साबित हुई है। पर हम आपको बता दे कि भाजपा का कांग्रेस मुक्त करने का सपना अधुरा रहा. बता दे कि गुजरात में कांग्रेस को इस बार 80 सीटें प्राप्त हुई वही हिमाचल प्रदेश में 21 सीटें प्राप्त हुई. कांग्रेस को इतनी सीटें प्राप्त होने का सीधा-सा अर्थ यह रहा है कि देश की जनता मजबूत विपक्ष के रूप में कांग्रेस को यथावत रखना चाहती है।

वहीं चिन्ता का विषय यह भी है कि हिमाचल प्रदेश की 13वीं विधानसभा के चुनाव परिणामों ने यह सिद्ध कर दिया है कि शिमला का रास्ता कांगड़ा से होकर जाता है, और कांगड़ा की अनदेखी किसी भी राजनीतिक दल को महंगी पड़ सकती है। इस बार कांगड़ा की 15 सीटों में से 11 सीटें भारतीय जनता पार्टी ने प्राप्त कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। आपको बता दे कि कांग्रेस सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है।

इसके बावजूद वास्तव में देश एक मजबूत विपक्ष चाहता है राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाकर एक और मौका दिया है। वही कांग्रेस में सैंकड़ों ऐसे युवा नेता और प्रतिभाएं हैं जिन्हें राजनीति में आगे बढऩे का अवसर ही नहीं दिया जा रहा। कांग्रेस को सत्ता प्राप्त करने में शायद अब कुछ समय लगे लेकिन राहुल गांधी को इस बात का आभास होना चाहिए कि विपक्षहीन लोकतंत्र देश के लिए चिन्ता का विषय है। 

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