बिना किसी आस के दिल लगा बैठे

बिना किसी आस के दिल लगा बैठे,  परछाईयों के पीछे होश गवां बैठे,  दिवानगी इस से बढकर और क्या होगी,  जो दिल के साथ जान भी गवां बैठे.

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