गीता को सिलेबस में शामिल करने को लेकर HC ने मांगा जवाब

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक नोटिस जारी किया है जिसमें उन्होंने सरकार सहित यूजीसी, मानव संसाधन और अखिल भारतीय विश्वविद्यालय से जवाब तलब किया है जिसमें उन्होंने पूछा है कि श्रीमद्भागवत गीता को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल करना और कॉलेज में शोध का विषय बना सकते है जिसका जवाब संस्थानों को 3 सप्ताह में देना है 

दरअसल बिलासपुर हाईकोर्ट में  3 अलग-अलग संगठनों ने जनहित याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने कोर्ट को बताया है कि श्रीमद्भागवत गीता को एक धार्मिक ग्रंथ ही नहीं बल्कि एक पूर्ण जीवन शास्त्र है. जिसमें भगवान श्री कृष्ण ने जीवन से जुड़े उपदेश हैं, इसके आधार पर परमात्मा की शक्ति के बारे में भी पता चलता है  इसी लिए संगठनों का मानना है कि गीता को स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल नहीं करने से लोग इस ज्ञान से वंचित हो रहे हैं.

वहीं इस दौरान उन्होंने ये भी बताया गया है कि अमेरिका के एक विश्वविद्यालय ने श्रीमद्भागवत गीता को पाठ्यक्रम में शामिल कर अनिवार्य विषय कर दिया है. जब विदेश में श्रीमद्भागवत गीता को अनिवार्य किया जा सकता है  तो इसे भारत में भी इसे स्कूल और कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए.

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