जिंदगी का बिखरा हुआ प्यार समेट लो जितनी भी मिले खुशियां उन्हें अपनी झोली में लपेट लो गम ना करो के कितना मिला बस शुक्र करो भगवान का जितना मिला बस इसी बात पर थोड़ा इतरालो और थोड़ा थोड़ा ऐंठ लो