बिखर जाती मेरे आँगन में

बिखर जाती मेरे आँगन में,  उसकी चाँदनी लेकिन, मेरा वो चाँद बदली से,कभी बाहर नहीं आया.. सितारों ने उसे गुमराह,  इतना कर दिया यारों,  उतर करके फ़लक से चाँद,मेरे घर नहीं आया.

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