बिखर गई है खुशियाँ, सजाने को कोई नहीं

बिखर गई है खुशियाँ,सजाने को कोई नहीं 

सब खो दिया अब,खोने को अब कोई नहीं 

ऐ खुदा मुझे भी न बुला,मेरी मौत पर रोने वाला अभी कोई नहीं 

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