पहले मोदी को सम्मान में बुलाया, अब उन्ही की कर रहे बुराई

नई दिल्ली: राजधानी के एक पुराने चर्च के एक पादरी ने कहा है कि बिहार में बीजेपी की हार कम्युनल पॉलिटिक्स की हार है। इसमें यह भी कहा गया है कि चुनाव में पूर्ण बहुमत मिलने का ये कदापि अर्थ नही है कि कोई सरकार अपनी खास सोच लोगो पर थोपे। दिल्ली-फरीदाबाद के सभी सायरो मालाबार चर्च में यह मैसेज पढ़ा गया।

इस चर्च के एक कार्यक्रम में कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री मोदी को बुलाया गया था। आर्कबिशप के. भरनाइकुलंगर ने पत्र में लिखा है कि बिहार चुनाव का नतीजा बताता है कि भारतीय लोग ऐसी पार्टियों को सपोर्ट नहीं करेंगे जो अपने कैंपेन में जाति भेद, इन्टॉलरेंस और सांप्रदायिकता का इस्तेमाल कर रही हैं। पत्र में असहिुष्णुता का भी जिक्र किया गया। बिशप ने लिखा है कि ऐसा लगता है कि कुछ अति धार्मिक कट्टरवादी लोग संविधान की बुनियादी भावना पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। इससे देश बिखर सकता है, सांप्रदायिकता बढ़ सकती है। 

यह मंजूर नहीं होगा कि किसी के खानपान, जाति या मजहब पर सवाल उठाए जाएं। यह मंजूर नहीं किया जा सकता कि सरकार लोगों पर एक खास सोच थोपे, महज इसलिए कि उसे चुनाव में भारी बहुमत हासिल करना है। अगर राजनीतिक दल संविधान बदलने के लिए सत्‍ता में आने लगें तो देश का नुकसान होगा।

सरकार को संविधान का सम्मान करना चाहिए। कैथोलिक समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किसी से भी भाषा, धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव मत करो, भाईचारे से रहो, इससे आपका सम्मान बढ़ता है।

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