बिछड़ के तुझसे न जीते हैं

बिछड़ के तुझसे न जीते हैं और न मरते हैं अजीब तरह के बस हादसे गुज़रते हैं बड़ा सुकून है, दिन चैन से गुज़रते हैं हम अब किसी से नहीं बस ख़ुदा से डरते हैं

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