डोकलाम विवाद के समाधान में भूटान की रही अहम भूमिका

नई दिल्ली : बेशक डोकलाम विवाद का फ़िलहाल समाधान हो गया है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि डोकलाम विवाद के समाधान में भूटान की भी बड़ी भूमिका रही. सबसे अहम बात यह रही कि चीन के राजनयिक, राजनीतिक और सैन्य दबाव के बावजूद भूटान क्षेत्रीय अखंडता को लेकर अपने पक्ष पर मजबूती से खड़ा रहा. जून में जब से यह विवाद शुरू हुआ तब से भारत और भूटान के बीच लगातार राजनयिक संपर्क बना हुआ था.

उल्लेखनीय है कि डोकलाम के मुद्दे पर चीन की ओर से भूटान पर बहुत राजनयिक दबाव डाला जा रहा था. चीन ने यह दावा किया था कि भूटान ने डोकलाम को उसका हिस्सा मान लिया है. जबकि भूटान ने इससे इंकार किया था. बता दें कि चीन लंबे समय से भूटान पर औपचारिक तौर पर राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए दबाव डालता रहा है. एक विशेषज्ञ ने कहा कि भूटान के लिए इस मामले में संतुलन बनाना आसान नहीं था.  भूटान ने कोई बयानबाजी नहीं की और कूटनीति को अपना काम करने दिया.

गौरतलब है कि 29 जून को पहला बयान जारी करने के बाद भूटान ने काफी संयम रखा और मंगलवार को प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट बयान दिया कि संबंधित देशों के बीच वर्तमान समझौतों के आधार पर यथास्थिति बनाए रखनी चाहिए. यहां एक बात का जिक्र जरुरी है कि भूटान के विपक्ष का एक समूह चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने की मांग करता रहा.जबकि भूटान का शाही परिवार भारत के साथ करीबी संबंध बनाए रखने का इच्छुक है.शाही परिवार ने भारत-भूटान संबंधों को मजबूत बनाए रखने में भी बड़ी भूमिका निभाई.

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