अपनी बड़ी फिल्म में छोटी-छोटी भूल कर बैठे ओम प्रकाश मेहरा

धावक मिल्खा सिंह के जीवन पर आधारित फिल्म 'भाग मिल्खा भाग' ने सबकी खूब वाह वाह लूटी. फिल्म का निर्माण राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने किया था. आज इस फिल्म ने अपने 2 साल पूरे कर लिए है. फिल्म ने 11 जुलाई को सिनेमाघरों में जगह बनाई थी. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छी कमाई की और दर्शको का दिल भी जीत लिया था. इस फिल्म ने डायरेक्शन, स्क्रीनप्ले और एक्टिंग की श्रेणी में दिए जाने वाले सभी प्रकार के बड़े अवॉर्ड को अपने नाम किया था​.

फिल्म 'भाग मिल्खा भाग' में अभिनेता फरहान अख्तर ने अपनी उम्दा अभिनय क्षमता का परिचय दिया था​. यह फिल्म मिल्खा सिंह के जीवन संघर्ष की कहानी है. जिसमें वह अपनी जी जान लगा देते है और अंत में जाकर अपनी रेस को जीतकर खुद को साबित करते है. फिल्म ने लोगो के दिल पर छाप छोड़ने में कामयाबी हासिल की लेकिन फिल्म में कुछ बड़ी गलतिया भी देखने को मिली. फिल्म भाग मिल्खा भाग में निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने बहुत ही मेहनत की है. लेकिन फिर भी वे इस फिल्म की कुछ बारीकियों को नजर अंदाज कर गए. फिल्म में कुछ जगहों पर मोबाइल टॉवर को दिखाया जा रहा हैं, जबकि उस समय में मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं किया जाता था.

उस समय रॉयल एनफील्ड का प्रचलन नहीं था लेकिन फिल्म में ये बाइक दिखाई गयी थी. फरहान अख्तर 1962 में आई फिल्म 'सन ऑफ इंडिया' का 'गीत नन्हा मुन्ना राही हु' गाते हुए नजर आते जबकि फिल्म 50 के दशक की है. मिल्खा सिंह ने वास्तविकता में लाहोर स्टेडियम में रेस जीती थी लेकिन फिल्म में कद्दाफी स्टेडियम दिखाया गया है. असल में इस स्टेडियम का नाम 1974 तक लाहौर स्टेडियम ही था इसके बाद परिवर्तित कर कद्दाफी स्टेडियम रखा गया. फिल्म में एक जगह इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल दिखाया गया है जबकि उस समय इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल का अविष्कार ही नहीं हुआ था. एक दृशय में उन्हें जेल से छुट्टे हुए दिखाया है. जिस पेपर पर फिंगर प्रिंट लिया जाता है उस पर 2013 डेट एक दम साफ नजर आ रही है.

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