बेजुबां हैं इश्क़ मेरा

किन लफ्जों में लिखूँ, मैं अपने इन्तजार को तुम्हें, बेजुबां हैं इश्क़ मेरा, और ढूँढता हैं खामोशी से तुझे...

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