बेटी की बिदाई होती है

जन्म से लेकर मृत्यु तक आँसू साथ हमारे होते हैं अलग अलग अवसर पर,ये अलग तरह के होते हैं माँ की प्रसव वेदना में ,जो आँखों में आंसू होते हैं यूँ तो पीड़ा भी होती है पर खुशियां ओढ़े होते हैं जब जन्म हमारा होता है,हम पैदा होते ही रोते हैं इस रोनेको सुनकर भी परिवारी जन खुश होते हैं पालने में लेटे लेटे जब, हम भूख से रोने लगते हैं जिव्हा तो चुपही रहती हे,आँसू ही माँ से कहते हैं खुशी का मौका आता है,नैनों से अश्रु छलकते हैं यह अलग तरह के होते हैं,सबको अच्छे लगते हैं असफलता मिलने पर,हम स्वाभाविक ही रोते हैं ये ग़मके आँसू होते हैं हम अपनी हिम्मत खोते हैं जब कोई अपना मिलता है,उसको गले लगाते हैं अतिरेक खुशी का होताहै,आँसू स्वतः आ जाते हैं वैवाहिक बंधन में बंध के,बेटी की बिदाई होती है सबकी हिलकी बंध जाती है,बेटी आँसूसे रोती है संसार त्यागकर जब कोई,स्वर्ग लोक को जाता है उन आँखोंमें आँसू होतेहैं,जिनसे कोई भी नाता है

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