जानें आईटीआर देने के फ़ायदे

नई दिल्ली: हमारे देश में आयकर कानून के मुताबिक, 2.5 लाख रुपये की टैक्स छूट की सीमा के अंदर कमानेवाले लोगों को आईटीआर भरने की कोई बाध्यता नहीं है. इसी तरह 60 से ज्यादा और 80 से कम उम्र के लोगों की सालाना आमदनी 3 लाख रुपये और 80 साल से ऊपर की उम्र के किसी व्यक्ति की सालाना आमदनी 5 लाख रुपये है तो उन्हें आईटीआर भरने की कानूनी बाध्यता नहीं है.

आज आपको हम आईटीआर देने के फायदे बताने वाले है. आइए जानते हैं, इन फायदों को बारे में

*लोन और वीजा पाने में मददगार- आपको कितने पैसों तक का लोन दिया जा सकता है या आप कितनी बार कर्ज लेने के योग्य हैं, यह आपकी आमदनी से तय होता है. और, आपकी आमदनी की पुष्टि आपकी ओर से फाइल आईटीआर से होती है.

*नुकसान की भरपाई- इनकम टैक्स के नियम नुकसान की कैपिटल गेंस पर लग रहे टैक्स से भरपाई करने की अनुमति उन्हीं लोगों को देतें हैं जिन्होंने संबंधित आकलन वर्ष का आईटीआर फाइल किया है. आपको रिटर्न जरूर फाइल करना चाहिए ताकि आपको अभी जो नुकसान हुआ है, उसकी भारपाई आनेवाले वर्षों में की जा सके.

*पते का सबूत- इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी आपके निवास का पक्का प्रमाण है. आप इसका उपयोग सभी सरकारी काम में कर सकते हैं.

 

*आमदनी बताना जरूरी- कानून का सम्मान करनेवाला नागरिक के तौर पर आपको अपनी आमदनी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को बतानी चाहिए. इस लिहाज से भी आईटीआर भरना जरूरी है.' 

*वीजा पाने में सुविधा- अगर आप कारोबार या नौकरी के सिलसिले में विदेश जाना चाहते हैं तो आपके लिए आईटीआर जरूरी है. बहुत से विदेशी दूतावास वीजा आवेदन में पिछले 2 साल का इनकम टैक्स रिटर्न मांगते हैं.

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