फायदे अलग अलग दालो के

हर घर में दाल लगभग रोज बनाई जाती है. तीन चार या ज्यादा प्रकार की दाल हमें घर में रखनी पड़ती है. प्रत्येक दाल की एक अलग विशेषता होती है.

1-जिस समय बीमारी के कारण अन्न से परहेज करना हो तो साबुत मूंग उबालकर पानी  छान लें. इसमें स्वाद अनुसार नमक व काली मिर्च डालकर हींग का छौंका लगाकर थोडा थोडा पिला सकते है. यह सुपाच्य होता है और  ताकत देता है.   2-पसीना अधिक आता हो तो मोठ को सेककर उसका आटा बना लें. एक मुठ्ठी आटे  में आधा चम्मच नमक डालकर जहाँ अधिक पसीना आता हो वहाँ मलें. इससे ज्यादा पसीना आना कम हो जायेगा.   3-अरहर की दाल गर्म और रुक्ष प्रकृति की होती है. यह पेट में गैस पैदा करती है. इसलिए इसे घी का छोंका लगाकर नीम्बू का रस डालकर खाना चाहिए. अरहर की दाल का पानी पीने से भांग का नशा उतर जाता है

4-आधा चम्मच मसूर की दाल और आधा चम्मच तरबूज के बीज दूध के साथ पीस कर लगाने से चेचक के दाग  धब्बे  व गड्डे ठीक हो जाते है.

5-हिचकी  आती हो तो साबुत उड़द  कोयले पर डालकर इसका धुआं सूंघने से हिचकी बंद हो जाती है

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