कचनार के फूलो से ठीक होंगी गांठे

कुदरत ने कई पेड़ पौधों को दवा के गुणों से भरपूर रखा है इनमे से एक कचनार का पेड़ भी आता है. इनमे से गुलाबी कचनार सबसे ज्यादा महत्त्व रखता है. कचनार की कली लंबी हरी व गुलाबी रंगत लिए हुए होती है कचनार के फूल और कालिया वात रोग पित्त फोड़े और फुंसियो को शांत करता है.

कचनार के गुण

गले में गाँठ हो गई हो तो कचनार की छाल को चावल के धुले हुए पानी में पीस ले,उसमे आधा चम्मच सौंफ का पाउडर मिला के खाये गांठे बहुत जल्दी ठीक हो जाएगी.

कचनार के 6 - 7 फूलो को एक ग्लास पानी में उबाल कर पिए, इससे थॉयरॉयड की बीमारी में आराम मिलता है. जीभ व त्वचा के सुन्न हो जाने पर कचनार की छाल का चूर्ण 2 से 4 ग्राम की मात्रा में खाने से इस रोग में आराम होता है, और त्वचा की सुन्नता भी दूर होती है.

लिवर में कोई तकलीफ हो कचनार की जड़ का काढ़ा पिए .

कचनार के फूल और कलिया वात रोग और जोड़ो के दर्द के लिए विशेष लाभकारी है. इसकी कलियों की सब्जी और फूलो का रायता खाने में स्वादिष्ट और रक्त पित्त फोड़े और फुंसियो को शांत करता है.

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