चीन की साइबर-समुद्री गतिविधियों से चिंतित ओबामा

वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चीन की साइबर और समुद्री गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की है. चीन की उप प्रधानमंत्री लियू यानदोंग और वांग यांग से मुलाकात में उन्होंने बीजिंग से इन चिंताओं को समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने की अपील की है. व्हाइट हाउस में बुधवार रात अमेरिकी और चीनी अधिकारियों के बीच हुई वार्षिक रणनीतिक एवं आर्थिक वार्ता में दक्षिणी चीन सागर में बीजिंग की विवादित गतिविधियों का मुद्दा प्रमुख विषय बना रहा.

ओबामा के नेतृत्व में अमेरिकी अधिकारियों ने न सिर्फ दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीपों के निर्माण पर आपत्ति जतायी, बल्कि विवादित स्प्रैटली द्वीप पर चीनी जहाजों की तैनाती को भी सवालो के घेरे में लिया. उन्होंने अमेरिका पर लगातार बढ़ते साइबर हमलों और 40 लाख सरकारी कर्मचारियों की निजी जानकारियों में सेंधमारी को लेकर भी अपनी चिंताएं जाहिर की. वार्ता के अंत में ओबामा ने आशा व्यक्त की कि बीजिंग इन चिंताओं के निदान के लिए जल्द ही मजबूत निर्णय लेगा.

हालांकि चीनी अधिकारियों ने दक्षिणी चीन सागर के विवादित द्वीपों पर चीनी जहाजों की तैनाती और नए कृत्रिम द्वीपों के निर्माण को लेकर अमेरिकी चिंताओं को नकार दिया. विदेश मामलों के उप मंत्री झेंग जेगुआंग ने बोला, दक्षिणी चीन सागर को लेकर कोई समस्या नहीं है. अमेरिका को चीनी गतिविधियों पर आपत्ति नहीं दिखानी चाहिए क्योंकि वह इस विवाद का अंश नहीं  है. उसने हाल के साइबर हमलों में चीन की संलिप्तता को भी नकार दिया.

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