वॉशिंगटन : आगामी जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति के रुप में लगातार दूसरी पारी खेलने वाले बराक ओबामा सेवानिवृत हो रहे है। इससे पहले वो दुनिया भर के करीबी नेताओं से मिल लेना चाहते है। भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी भी 7-8 जून को ओबामा से मिलने अमेरिका पहुंचेंगे। मोदी दुनिया भर के उन नेताओं में से शामिल है, जो ओबामा के करीब है। विदेश सचिव एस जयशंकर ने शुक्रवार को मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि ओबामा ने मोदी से बातचीत के दौरान इस बात का जिक्र किया है कि वे इस साल उन्हीं नेताओं को आमंत्रित कर रहे है, जिनके साथ उनके करीबी संबंध रहे है। मोदी के इस यूएस दौरे पर उम्मीद है कि एनएसजी समेत कई अहम मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सहमति बने। इस मुलाकात में एनएसजी का मुद्दा सबसे अहम माना जा रहा है। 12 मई को एनएसजी की सदस्यता के लिए आवेदन करने वाला भारत इसके लिए खुद इसके 48 सदस्य देशों से बात करेगा। 2005 में भारत और अमेरिका के बीच सिविल न्यूक्लियर डील हुई थी। लेकिन अभी तक एटमी मटेरियल को लेकर किसी अमेरिकी कंपनी से करार नहीं हो सका है। मोदी ऐसे किसी फ्रेमवर्क को लेकर भी चर्चा कर सकते हैं। ताकि आगे उस पर काम हो सके। केवल जापान की तोशिबा की एक यूनिट 'वेस्टिंगहाउस' ने भारत के 6 रिएक्टर बनाने पर सहमति जताई है।