नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी 'जनधन योजना' के बारे में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. जिसे जानकर आपको हैरानी होगी कि जनधन योजना के तहत खुले करोड़ों खातों में खुद बैंक कर्मचारी पैसा जमा करा रहे हैं, जबकि इसके लिए सरकार ने कोई आदेश नहीं दिया है. मिली जानकारी के अनुसार बैंक कर्मचारी शून्य शेष खातों की संख्या कम करने के लिए जनधन योजना के तहत खुले खातों में एक-एक रुपये जमा करा रहे हैं. 18 सरकारी बैंक और उनकी 16 क्षेत्रीय शाखाओं में ऐसे 1.05 करोड़ जनधन खाते हैं, जिनमें एक-एक रुपया जमा है. कुछ खाते ऐसे भी हैं, जिनमें 2 से 5 या 10 रुपये भी जमा हुए हैं. ये पैसे खाताधारकों ने जमा नहीं किए. छानबीन करने पर बैंक कर्मचारियों ने माना कि वे इन खातों को सक्रिय रखने के लिए खुद पैसे जमा कराते हैं. इसके लिए मनोरंजन भत्ता, कैंटीन सब्सिडी और ऑफिस के रखरखाव जैसे कामों के लिए मिलने वाली रकम भी इस्तेमाल की जाती है. कुछ खाते ऐसे भी हैं, जिनमें 2 से 5 या 10 रुपये भी जमा हुए हैं. ये पैसे खाताधारकों ने जमा नहीं किए. 20 बैंकों के ब्रांच मैनेजरों ने भी स्वीकार किया कि उन पर जनधन योजना के तहत खुले जीरो बैलेंस खातों का आंकड़ा कम करने का दबाव है. जीरो बैलेंस खातों में तेजी से कमी आई है. सितंबर 2014 में ऐसेखाते 76 फीसदी थे, जो अगस्त 2015 में सिर्फ 46 फीसदी रह गए. 31 अगस्त 2016 तक इस योजना के तहत खुले ऐसे खाते सिर्फ 24.35 फीसदी थे, जिनमें एक भी रुपया नहीं था. 10 बैंक अध‍िकारियों ने माना कि इन खातों को चालू रखने के लिए उन्होंने अपनी जेब से पैसे जमा कराए. बहुत सारे खाताधारकों ने कहा कि उन्होंने जब अपनी पासबुक में देखा कि खाते में एक रुपया जमा है तो वो हैरान थे. उन्होंने पता ही नहीं कि एक रुपया उनके खाते में किसने जमा कराया. बतादें कि एक रुपये बैलेंस वाले खातों में सबसे आगे पंजाब नेशनल बैंक है. बता दें कि 31 अगस्त, 2016 तक जनधन खातों में कुल 42094 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं. SBI में हुआ 5 बैंकों का विलय