बांग्लादेश ने 2 शीर्ष विपक्षी नेताओं को दी फांसी

ढाका : वर्ष 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ हुए मुक्ति संग्राम के दौरान युद्ध अपराध करने के जुर्म में बांग्लादेश ने 2 शीर्ष विपक्षी नेताओं को कल देर रात एक साथ फांसी पर लटका दिया है. इसे मामले को उनके समर्थकों द्वारा आज छिटपुट हिंसा को अंजाम दिया गया जबकि कट्टरपंथी जमाते इस्लामी ने कल देशभर में हड़ताल का आह्वान किया है.

ढाका सेंट्रल जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया की कट्टरपंथी जमात ए इस्लामी के महासचिव 67 वर्षीय अली अहसान मोहम्मद मुजाहिद और 66 वर्षीय बीएनपी नेता सलाउद्दीन कादर चौधरी को युद्ध अपराध करने के जुर्म में कल रात 12 : 55 बजे ढाका केंद्रीय जेल में फांसी दे दी गई. बता दे की राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने कल शाम दोनों की क्षमादान संबंधी याचिकाएं ख़ारिज कर दी थी.

मुजाहिद और चौधरी ने फांसी की सजा से बचने के लिए अपनी अंतिम कोशिश करते हुए राष्ट्रपति के समक्ष क्षमादान की गुहार लगाई थी. हालाँकि आपको बता दे की, दोनों आरोपी के परिवार वालों ने इन खबरों को खारिज किया है की मुजाहिद और चौधरी ने राष्ट्रपति से क्षमादान की अपील की थी जिसके लिए अपराध स्वीकारोक्ति भी जरूरी होती है. ख़ुफ़िया जानकारी के मुताबिक मालूम पड़ा है की जब दोनों को फांसी के तख्ते तक ले जाया गया तो उस समय दोनों शांत थे. उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई. फांसी का फंदा एक साथ खींचा गया.

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