बंदे हे हम उसके

बंदे हे हम उसके हम पे किसका जोर  उम्मीदो के सूरज निकले चारो और  ईरादे हे फोलादी तूफ़ानी हर कदम अपनी किसमत को वदलने  आज चले हे हम......

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