बनाई रब ने यह जोड़ी

न तोड़ो बाग की कलियाँ, बहुत ही खूबसूरत ये  इन्हीं से जिन्दा हैं भँवरे,समय की हैं जरूरत ये बनाई रब ने यह जोड़ी, सदा ही खिलखिलाने को  करूँ दिल से यही वन्दन, रहे यूँ ही सलामत ये तुम्हारे प्यार के चर्चे, भरी महफिल में गूंजे जब कसम खाने लगे सब यह, मुहब्बत है मुहब्बत ये वतन पर आँच न आये, शहीदों ने सिखाया है  बहुत मुश्किल से समझे हैं,करेंगे अब हिफ़ाजत ये तुम्हारा प्यार पाने को , जलाया रात दिन दिल को  न छोड़ी है न छोड़ेंगे , कभी भी हम शराफत ये न हारेंगे न ठहरेंगे , चलेंगे साथ मंजिल तक तुम्हारे प्यार से अपनी , बनी दुनिया है जन्नत ये जो दुश्मन हैं मुहब्बत के,उन्हें अब माफ़ कर दो तुम क्षमा से है बड़ा कब कुछ, बुजुर्गों की नसीहत ये डरे सहमे से बैठे हैं , परिन्दे आज पेड़ों पर 'हशीना' सबको बताती है, जमाने की हकीकत ये

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