घोषणा से कुछ पहले हुई नोटबंदी की सिफारिश

नईदिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा कालेधन को रोकने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। दरअसल सरकार ने नोटबंदी के बाद बड़े पैमाने पर करोड़ों के आसामियों पर कार्रवाई करवाई है। इस दौरान इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट,ईडी आदि द्वारा कार्रवाई करते हुए करोड़ों रूपए के कालेधन को पकड़ा गया है। दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आश्चर्य करने वाली घोषणा से कुछ घंटे पहले रिज़र्व बैंक आॅफ इंडिया द्वारा इसकी सिफारिश की गई थी।

इस मामले में यह बात भी सामने आई कि रिज़र्व बैंक आॅफ इंडिया एक्ट 1934 में केंद्र सरकार को बैंक नोट को बंद करने की शक्ति है। मगर यह केंद्रीय बोर्ड के अनुशंसा पर किया जा सकता है। जब आरबीआई से सवाल किए गए और सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई तो यह जानकारी सामने आई कि केंद्रीय बैंक के बोर्ड आॅफ डायरेक्टर्स द्वारा 8 नवंबर को बैठक का आयोजन किया गया।

बैठक में 10 बोर्ड सदस्य शामिल थे। जिसमें से करीब 8 शामिल हुए। मिली जानकारी के अनुसार आरबीआई प्रमुख उर्जित पटेल, कंपनी मामले के सचिव शक्तिकांत दास, आरबीआई डिप्टी गवर्नर आर गांधी व एसएस मुंद्रा आदि शामिल हुए। रिज़र्व बैंक आॅफ इंडिया के अधिकारियों द्वारा कहा गया कि यह केवल औपचारिकता थी।

सरकार व रिज़र्व बैंक आॅफ इंडिया द्वारा कहा गया कि नोटबंदी की योजना पर बहुत पहले से ही मंथन हो रहा था। इस मामले में कंपनी मामले के सचिव शक्तिकांत दास ने नोटबंदी को लेकर निर्णय लेने के लिए कहा गया। उनका कहना था कि निर्णय से जो फल मिलने वाला है उस पर अमल करने की आवश्यकता है। विपक्ष के प्रमुख नेताओं द्वारा कहा जा रहा है कि एटीएम के बाहर लंबी लाईन लग रही हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे आर्थिक लूट कहा।

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